प्रतिज्ञा PDF
देवकी ने इस आपत्ति का महत्व नहीं समझा। बोली - 'यह िो कोई बाि नहीं आज अगर कमलाप्रसाद मुसलमान हो जाए, िो क्या हम उसके पास आना-जाना छोड़ देंगे? हमसे जहााँ िक हो सकेगा, हम उसे समझाएाँगे और उसे सुपथ पर लाने का उपाय करेंगे।' https://www.hindustanbooks.com...

प्रेमचंद - प्रतिज्ञा

प्रतिज्ञा

प्रेमचंद

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Euro Media

Idioma
hindi
Formato
pdf
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Descripción

देवकी ने इस आपत्ति का महत्व नहीं समझा। बोली - 'यह िो कोई बाि नहीं आज अगर कमलाप्रसाद मुसलमान हो जाए, िो क्या हम उसके पास आना-जाना छोड़ देंगे? हमसे जहााँ िक हो सकेगा, हम उसे समझाएाँगे और उसे सुपथ पर लाने का उपाय करेंगे।'
https://www.hindustanbooks.com

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